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दिलीप पाण्डे, चंचल शर्मा ,रोहित साकुनिया का यह साझा उपन्यास एक ऐसी कहानी है जिसकी नींव इतनी मजबूती के साथ रखी गई है कि पढ़ने वाले के कानों में तलवार और सियासत का हैरान कर देने वाला शोर गूँजता है। यह ए...
दिलीप पाण्डे, चंचल शर्मा ,रोहित साकुनिया का यह साझा उपन्यास एक ऐसी कहानी है जिसकी नींव इतनी मजबूती के साथ रखी गई है कि पढ़ने वाले के कानों में तलवार और सियासत का हैरान कर देने वाला शोर गूँजता है। यह ए...
गुनाहों का देवता -
धर्मवीर भारती के इस उपन्यास का प्रकाशन और इसके प्रति पाठकों का अटूट सम्मोहन हिन्दी साहित्य-जगत् की एक बड़ी उपलब्धि बन गये हैं। दरअसल, यह उपन्यास हमारे समय में भारतीय भाषाओं की...
एक युवा घुमक्कड़ की एक संन्यासी से मुलाक़ात की यह कहानी देश और दुनियाभर के घुमक्कड़ों के लिए कुछ नए रास्ते खोलती है। एक साधु और घुमक्कड़ में बहुत सारी समानता होने के बावजूद सबसे बड़ी भिन्नता यह होती ह...
वीगन होना क्या होता है? यह शाकाहारी होने से किस तरह से भिन्न है? क्या यह एक विदेशी विचार है जिसकी भारतीय-संस्कृति और परंपरा में कोई जड़ें नहीं हैं? क्या वीगनिज़्म लोगों पर अपने विचारों को थोपता है? जो...
कबीर के विचारों की दो मौलिक स्थापनाएँ हैं। वैश्विक स्थापना यह कि ‘एक नूर ते सब जन उपज्या’ और भारतीय वर्णवादी विभाजन को चुनौती देती स्थापना कि-
एक बूँद एक मल मूतर एक चाम एक गुदा।
एक जाति थै ...
रेगिस्तान की चुप्पी में एक छुपी हुई अकुलाहट है। हवा अपनी बातें सेवण घास के कान में कहती रहती है। लू के चूमते ही पानी छूमंतर हो जाता है। यहाँ रेत सोनल है, आकाश नीला है और लोगों के दिल गहरे हैं। इस रेगि...
कला के पथिक जान लें कि विज्ञान का विज्ञ मुकेश कुमार सिन्हा की तरह ‘प्रेम का अपवर्तनांक’ जैसी मौलिक कविता से नितांत भिन्न आस्वाद अन्वेषित कर सकता है। पहले भी मुकेश अपनी रचनाओं से प्रेमियों की फ़िजिक्स ...
अगर बचपन के बीते दिनों को कहानियों में उतारा जाए, तो क्या होगा? जो लोग बीते दिनों में हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रहे, वे अचानक कहाँ ग़ायब हो जाते हैं? शहरों से हमारा रिश्ता कैसे बनता है? जिन...
‘इश्क़ बग़ावत’ किसी भी नए-नए जवान हो रहे लड़के की यात्रा है, एक ऐसी यात्रा जो मोहब्बत और क्रांति की जुड़ती हुई हथेलियों के बीचोबीच से गुज़रती है। इस किताब की नज़्में आपको भागम-भाग भरी ज़िंदगी से खींच ...
स्त्री-कविता अभिधा-लक्षणा-व्यंजना की जिन अलग-अलग बुनावटों में उपस्थित है, उसके विश्लेषण से इस समाज की अलग-अलग सरणियों में अलग-अलग ढंग से मुकुलित स्त्री-चेतना के कई रंग उजागर हो सकते हैं और यह भी स्पष्...
Ek Poorv Mein Bahut Se Poorv । एक पूर्व में बहुत से पूर्व [ विनोद कुमार शुक्ल का नया कविता-संग्रह ]
भारतीय साहित्य संसार में किंवदंती की हैसियत पा चुके विनोद कुमार शुक्ल की कविता से परिचय 'मनुष्...
सिविल सेवा और मानव योनि की प्राप्ति चौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद ही संभव है। अब रूपेश ने मानवजन्म तो पा लिया था, पर सिविल सेवा के लिए जरूरी क्रोमोसोम का कटऑफ पार नहीं कर पाया। ऐसा नहीं था कि उस...